दुइ सखि बिहँसि करैंलीं पनघटवा पै अपने कमलवा गुलबवा कै बतिया । एक लखि ललचै कमल फुल तलवा में, दूजी गुलबवा लगावैले छतिया ॥ पहली सखी - मो...
दुइ सखि बिहँसि करैंलीं पनघटवा पै अपने कमलवा गुलबवा कै बतिया ।
एक लखि ललचै कमल फुल तलवा में, दूजी गुलबवा लगावैले छतिया ॥
पहली सखी -
मोरे पिछुअरिया सघन बँसवरिया तहवाँ कँवल-दह ताल
ताहि बिचे रँग-रँग खिलल कमल सखि कवनो धवल कवनो लाल ।
दखिन बयरिया से रसे रसे लहरैले हरियर हरियर लाल
लेहले पँखुरिया की नरमी अँगुरिया में सुरुजू के पुजवा कै थाल ॥
दूसरी सखी -
नियरे सटल मलहोरिया क बगिया तह सखि खिलल गुलाब
घुमरि घुमरि तँह बवरा भँवरवा गुन-गुन गावै ला बिहाग ।
जुड़ै रहैं मलिया क धियनी पुतनिया कै जुग-जुग अचल सोहाग
दस दिशि गम-गम गमकै गुलबवा से धरती कै सखि अहोभाग ॥
पहली सखि -
सखि सब मोर देवता कमल नयना ।
नीरज-नयनी पदुम गंदी गोरिया
सखि मनभावन के भरि अंकवारिया
आली रसे-रसे बोलै मधुर बयना ..
सखि सब मोर देवता कमल नयना ।
ना कंटवा भय ना पसीनवान सिंचाई
ललके कमल पर लसै लक्ष्मी माई
दुलरावैं सखि भँवरा सुगन मयना ..
सब मोर देवता कमल नयना ।
दूसरी सखि
सखि गमला गुलबवा गज़ब गमकै ।
चोलवा गुलाबी कपोलवा गुलाबी
मनवा गुलाबी भवनवां गुलाबी
सखि नयना गुलाबी सी मद छलकै ..
सखि गमला गुलाबवा गज़ब गमकै ।
बासल गुलबवा से सँवरू कै पगिया
इतर गुलाबी घँसल मोरि अँगिया
सखि जोगियो कै मनवाँ निबुकि बहकै ..
सखि गमला गुलबवा गजब गमकै ।
पहली सखि
चाकर-चाकर आली पुरइन पात रे ।
भावै भँवरवा के नलिनी कै कोरवा
कमल कै डरिया नरम धइले ठोरवा
हंसा गगनवाँ में उड़ि-उड़ि जात रे ..
चाकर-चाकर आली पुरइन पात रे ।
जलवै में जामै जलै में खोलै पँखिया
ओहि पाँकी पनियैं में मूदि लेला अँखिया
तबहूँ न ’पंकिल’ होखै ला गात रे ..
चाकर-चाकर आली पुरइन पात रे ।
दोनों सखियाँ -
आवा गाईं जा दूनों फुलवन कै गीत आली ।
कमलो कै गीत आली, गुलबो के गीत आली
दूनो फूलन ’पंकिल’ धरती कै मीत आली
आवा गाईं जा दूनों फुलवन कै गीत आली ।
एक लखि ललचै कमल फुल तलवा में, दूजी गुलबवा लगावैले छतिया ॥
पहली सखी -
मोरे पिछुअरिया सघन बँसवरिया तहवाँ कँवल-दह ताल
ताहि बिचे रँग-रँग खिलल कमल सखि कवनो धवल कवनो लाल ।
दखिन बयरिया से रसे रसे लहरैले हरियर हरियर लाल
लेहले पँखुरिया की नरमी अँगुरिया में सुरुजू के पुजवा कै थाल ॥
दूसरी सखी -
नियरे सटल मलहोरिया क बगिया तह सखि खिलल गुलाब
घुमरि घुमरि तँह बवरा भँवरवा गुन-गुन गावै ला बिहाग ।
जुड़ै रहैं मलिया क धियनी पुतनिया कै जुग-जुग अचल सोहाग
दस दिशि गम-गम गमकै गुलबवा से धरती कै सखि अहोभाग ॥
पहली सखि -
सखि सब मोर देवता कमल नयना ।
नीरज-नयनी पदुम गंदी गोरिया
सखि मनभावन के भरि अंकवारिया
आली रसे-रसे बोलै मधुर बयना ..
सखि सब मोर देवता कमल नयना ।
ना कंटवा भय ना पसीनवान सिंचाई
ललके कमल पर लसै लक्ष्मी माई
दुलरावैं सखि भँवरा सुगन मयना ..
सब मोर देवता कमल नयना ।
दूसरी सखि
सखि गमला गुलबवा गज़ब गमकै ।
चोलवा गुलाबी कपोलवा गुलाबी
मनवा गुलाबी भवनवां गुलाबी
सखि नयना गुलाबी सी मद छलकै ..
सखि गमला गुलाबवा गज़ब गमकै ।
बासल गुलबवा से सँवरू कै पगिया
इतर गुलाबी घँसल मोरि अँगिया
सखि जोगियो कै मनवाँ निबुकि बहकै ..
सखि गमला गुलबवा गजब गमकै ।
पहली सखि
चाकर-चाकर आली पुरइन पात रे ।
भावै भँवरवा के नलिनी कै कोरवा
कमल कै डरिया नरम धइले ठोरवा
हंसा गगनवाँ में उड़ि-उड़ि जात रे ..
चाकर-चाकर आली पुरइन पात रे ।
जलवै में जामै जलै में खोलै पँखिया
ओहि पाँकी पनियैं में मूदि लेला अँखिया
तबहूँ न ’पंकिल’ होखै ला गात रे ..
चाकर-चाकर आली पुरइन पात रे ।
दोनों सखियाँ -
आवा गाईं जा दूनों फुलवन कै गीत आली ।
कमलो कै गीत आली, गुलबो के गीत आली
दूनो फूलन ’पंकिल’ धरती कै मीत आली
आवा गाईं जा दूनों फुलवन कै गीत आली ।
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